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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने तमाम चुनौतियों के बीच लिये कई बड़े फैसले, यह रही उपलब्धियां और चुनौतियां

देहरादून -उत्तराखंड (23 मार्च 2023 )

( कुमाऊं मिडडे न्यूज़ ब्यूरो )
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने तमाम चुनौतियों के बीच कई बड़े फैसले लिए। सरकार के कुछ फैसले देश के दूसरे राज्यों के लिए नजीर भी बने। एक साल के इस दौर में कई उतार-चढ़ाव नजर आए। सत्ता और विपक्ष की सियासत के जरिये से यह एक साल गरम रहा। गतवर्ष 23 मार्च को धामी

ने दोबारा सीएम के रूप में शपथ ली।

गुरुवार को उनकी सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इस अवधि में धामी ने कई कड़े कदम उठाए। सख्त धर्मांतरण कानून, नकल विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता लागू करने जैसे फैसलों का कुछ अन्य राज्यों ने अनुसरण किया। इसके लिए पार्टी हाईकमान से उन्हें शाबाशी मिल चुकी है। सरकार ने एक साल का जश्न जिलों से लेकर विधानसभा स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है।

इस दौरान बहुउद्देशीय और चिकित्सा शिविर भी लगाए जाएंगे। सीएम ने कैबिनेट में रिक्त तीन पद नहीं भरे हैं। कैबिनेट में क्षेत्रीय व जातीय संतुलन बैठना भी चुनौती भरा होगा, दरअसल दो बड़े जिलों हरिद्वार और नैनीताल से कैबिनेट में अभी कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। दायित्व वितरण पर भी फैसला लटका है। सीएम धामी ने जनता के बीच पैठ बनाने को दिसंबर, 22 से जिलों में प्रवास के कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। रात को गांवों या होम स्टे में रुककर वे जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं।

सरकार की उपलब्धियां

  1. भर्ती परीक्षाओं के लिए सख्त नकल विरोधी कानून 2. समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट अंतिम चरण में
  2. स्थानीय महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 30 फीसदी

क्षैतिज आरक्षण लागू किया 4. राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण

  1. जबरन और प्रलोभन से सख्त धर्मांतरण पर रोक को कानून 6.हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में फतह
  2. अंत्योदय परिवारों को साल में तीन मुफ्त गैस सिलेंडर

भविष्य के लिए चुनौतियां

1.निकाय और लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत

  1. वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को सशक्त बनाना

3.सरकारी विभागों में भर्तियों को पटरी पर लाते हुए रिक्त पद

भरना

  1. जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्र का समाधान और लोगों का

पुनर्वास

5.चारधाम यात्रा का सफल और सुरक्षित संचालन

ये रही बड़ी मुश्किलें

पिछले एक साल के दौरान धामी सरकार को कई बार मुश्किलों से भी गुजरना पड़ा । आयोगों की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामलों से सवाल उठे। हालांकि सरकार ने नकल माफिया पर सख्ती बरतते हुए 60 से ज्यादा लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा। साथ ही गैंगस्टर लगाकर कल आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की भी कार्रवाई की गई। लेकिन विपक्ष को मुद्दा मिल गया। इस बीच गंगा भोगपुर (ऋषिकेश) में भाजपा के एक नेता के रिजोर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी सनसनीखेत हत्याकांड से उत्तराखंड दहल उठा था। इस मामले में भाजपा नेता के बेटे समेत तीन लोगों की गिरफ्तारियां हुईं। ये मामले ठंडे नहीं पड़े थे कि जोशीमठ भू- धंसाव के मुद्दा गरमा गया। बेरोजगारों पर लाठीचार्ज को लेकर भी सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था।

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