रुद्रपुर पुलिस ने गल्ला मंडी में हुए दोहरे हत्याकांड में पांच सगे भाइयों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने एक अभियुक्त के कब्जे से 32 बोर की पिस्टल बरामद की है। दुकान की दीवार तोड़ने में प्रयुक्त जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली को सीज कर दिया है।
ईश्वर कॉलोनी निवासी गुरमेज सिंह संधू (62) की गल्ला मंडी स्थित लुधियाना एग्रो ट्रेडर्स पर रविवार रात कुछ लोग कब्जा करने पहुंचे थे। सूचना पर गुरमेज अपने छोटे बेटे मनप्रीत सिंह (28) के साथ दुकान की तरफ निकल गए। उनके पीछे बड़ा बेटा सुरेंद्र सिंह उर्फ हनी भी स्कूटी से निकला।मौके पर मौजूद लोग जेसीबी से दुकान की दीवार ढहा रहे थे। विरोध करने पर आरोपियों ने मनप्रीत की छाती और पिता गुरमेज के पैर पर गोली मारकर हत्या कर दी। सुरेंद्र पर भी फायर झोंके मगर वह बच निकला। गोलीकांड के बाद कब्जे की कोशिश में जुटे लोग भाग गए। मंगलवार को एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सुरेंद्र सिंह की तहरीर पर मॉडल कॉलोनी रुद्रपुर निवासी अवधेश कुमार सलूजा और दिनेश कुमार सलूजा के साथ ही उनके साथियों पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया।
टीमों ने सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज तथा अन्य साक्ष्यों एवं मुखबिर की सूचना के आधार पर हत्या में शामिल मुख्य अभियुक्त अवधेश कुमार को करतारपुर रोड से गिरफ्तार कर उसके कब्जे से हत्या में इस्तेमाल 32 बोर की पिस्टल बरामद की गई। पुलिस ने निजी अस्पताल से दिनेश कुमार सलूजा को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही वाहनों और मजदूरों की व्यवस्था करने वाले विशाल आनंद निवासी एलाइंस कॉलोनी के अलावा साजिश में शामिल अवधेश के तीन अन्य भाइयों हेमंत सलूजा, हरीश सलूजा निवासी गल्ला मंडी और चरनजीत सलूजा निवासी मॉडल कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया। घटना में बिलासपुर के रहने वाले हरदीप और दो अन्य के नाम प्रकाश में आए हैं। पुलिस टीमें उनकी तलाश में दबिश दे रही हैं।
गुरमेज के परिवार से दुश्मनी रखने लगे थे आरोपी
पुलिस टीम ने साक्ष्यों और विवेचना में पाया था कि अभियुक्त अवधेश ने पांच साल पहले दुकान को गुरमेज सिंह को किराये पर दिया था। अवधेश ने दुकान पर लोन लिया था और लोन की किस्त पूरी नहीं कर पाने के कारण बैंक ने दुकान को नीलाम कर दिया था। नीलामी में गुरमेज के परिवार ने दुकान को खरीद लिया। इससे अवधेश और उसके भाई गुरमेज के परिवार से दुश्मनी रखने लगे। पूर्व में आरोपियों ने मृतक के परिवार को दुकान खाली करने के लिए धमकी दी थी। कब्जे करने की नीयत से अवधेश और उसके भाइयों ने क्षेत्रीय बदमाशों के साथ मिलकर जेसीबी से दुकान तोड़ने का प्रयास किया था।
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