
अल्मोड़ा, उत्तराखंड( 03 सितंबर 2022)
एक दलित नेता क़ो सामान्य जाति की लड़की से प्रेम विवाह करने की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। सामने आई सनसनीखेज खबर के मुताबिक अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण में सवर्ण युवती से प्रेम विवाह करने पर ससुराल वालों ने अपहरण के बाद दलित नेता की हत्या कर दी। घटना से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस ने हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।घटना कल की हे।
दो बार का विधायक प्रत्याशी रह चुका था जगदीश
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके सल्ट के पनुवाधौखन निवासी जगदीश चंद्र पुत्र केश राम और भिकियासैंण निवासी गीता उर्फ गुड्डी ने बीते 21 अगस्त को गैराड़ मंदिर में प्रेम विवाह किया था। शादी से पहले गुड्डी अपने सौतेले पिता जोगा सिंह और सौतेले भाई गोविंद सिंह के साथ रहती थी। एक दलित से शादी करना उसके सौतेले भाई और पिता को रास नहीं आया और दोनों ने मिलकर जगदीश की हत्या कर दी।
अपहरण कर ले गए और हत्या कर दी
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने बताया कि दलित से विवाह की सूचना के बाद से सौतेले परिजन उसके पति के जान के दुश्मन बने हुए थे। आरोप है कि गुरुवार को जगदीश के ससुराल वालों ने जगदीश चंद्र को भिकियासैंण में पकड़ लिया था। उसके बाद वह लोग जगदीश चंद्र का एक गाड़ी से अपहरण कर ले गए। उसके बाद बेरहमी से जगदीश की हत्या कर दी। सूचना पर पुलिस और राजस्व की टीम ने देर शाम गाड़ी से जगदीश का लहुलूहान शव बरामद कर लिया।
अपनों ने ही उजाड़ दी गुड्डी की मांग!
। अपनों की बेरुखी से कड़े संघर्ष के बीच गीता उर्फ गुड्डी की बेहतर भविष्य की उम्मीद को भी गुड्डी से उसके अपनों ने ही छीन लिया। जातिवाद के जहर ने उसे ऐसा जख्म दिया कि वह उसे ताउम्र नहीं भूल पाएगी। गुड्डी का जीवन शुरू से ही तकलीफों के बीच गुजरा। बचपन में सगे पिता ने उनका परित्याग किया तो उसे आसरा जरूर मिला लेकिन इस नए आसरे की दुनिया बेहद डरावनी निकली। किताबों की जगह गुड्डी के हाथ में खेतों की जुताई के लिए हल थमा दिया गया था। यह सब करने का विरोध करने पर उसकी पिटाई की जाती थी।
सौतेले पिता का घर गुड्डी के लिए एक जेल साबित हो रहा था। सभी उस पर हुक्म चलाने से बाज नहीं आते थे। वह सौतेले पिता के घर में परेशान हो चुकी थी। जवान बेटी को उसकी सगी मां ने ही खुद ही अच्छा रिश्ता खोजकर शादी करने की सलाह दी थी। गुड्डी को इस बात का जरा भी इल्म नहीं था कि जिसे वह अपना जीवन साथी चुनेगी, उसका मायके वाले ये हश्र करेंगे। लिहाजा उसने जातपात के बंधन छोड़ अपने लिए जगदीश के रूप में सपनों का राजकुमार खोज लिया था। लेकिन सौतेले पिता सहित अन्य परिजनों की जगदीश आखों की किरकिरी बनने लगा था। इधर, शादी के बाद जगदीश और गुड्डी सुखी भविष्य की उधेड़बुन में जुटे हुए थे। इसी बीच मायके वालों ने ही गुड्डी का सुहाग उजाड़ दिया।
पति की लाश देख बिलख उठी गुड्डी
शुक्रवार को रानीखेत पोस्टमार्टम में पति के शव देख बिलख रही गुड्डी मानो एकाएक पत्थर हो गई हो। रह-रहकर वह गश खाकर गिर रही थी। वह दिन भर बिलखती रही। पति की मौत की खबर सुनकर गुड्डी बदहवास थी। हर शख्स गुड्डी का अब क्या होगा, यही सोच रहा था
दरिंदगी सवार थी हत्यारों के सिर पर
। भिकियासैंण में दलित की हत्या नृशंसता से की गई। जगदीश चंद्र को हत्यारे तब तक बेरहमी से पीटते रहे, जब तक उसकी जान नहीं चली गई। पोस्टमार्टम में मृतक के सिर, छाती सहित शरीर के हर हिस्से में करीब ढाई दर्जन बाहरी चोटें पायी गईं। इसके अलावा शरीर की करीब हर हड्डी टूटी हुई पायी गई।

जगदीश के शव का शुक्रवार को यहां सरकारी अस्पताल में डॉ.संदीप कुमार दीक्षित और डॉ.दीप प्रकाश पार्की के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद डॉ.पार्की और डॉ.दीक्षित ने बताया कि गंभीर चोटें पहुंचने से जगदीश की मौत हुई है। मृतक के शरीर में सिर, छाती सहित 27 से अधिक बाहरी चोटें पायी गई हैं। बायीं कलाई की दोनों हड्डियां, पैर, बायीं ऐड़ी, नाक की हड्डी भी टूटी थी। चार पसलियां और दोनों जबड़ा भी टूटा था। इसके अलावा भी कई गंभीर जख्म मृतक के शरीर में मिले हैं। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक, हत्यारों ने किसी ठोस वस्तु से ताबड़तोड़ प्रहार कर जगदीश को मौत के घाट उतारा होगा। हत्यारों का एक ही मकसद था कि वह किसी भी सूरत में जगदीश की जान लेना चाहते थे।

इस्लाम हुसैन
संपादक – कुमाऊँ मिडडे
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