
उधम सिंह नगर, उत्तराखंड (14 अक्टूबर 2022 )
जसपुर कुंडा।गत बुधवार को यूपी के ठाकुरद्वारा इंस्पेक्टर के नेतृत्व में पहुंची एसओजी टीम की फायरिंग से ज्येष्ठ उप प्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरजीत कौर की मौत के मामले मे उत्तराखंड व यूपी पुलिस आमने सामने आ गई हे।दोनों एक दूसरे के दावे क़ो ख़ारिज करते नजर आ रहे हें।

उत्तराखंड पुलिस द्वारा जहां कहा जा रहा हे कि यूपी की एसओजी टीम सादी वर्दी में पचास हजार रुपये के इनामी बदमाश को पकड़ने के लिए गत बुधवार की शाम को थाना कुंडा के क्षेत्र भरतपुर में दबिश देने आई थी। घटना के दौरान सूचना पर पहुंची कुंडा पुलिस के काफी प्रयास के बाद एसओजी के चार सिपाहियों को पुलिस के सुपुर्द किया गया। जिन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में भी आरोपी जवानों ने अपनी दबंगई जारी रखी और बल प्रयोग करते हुए वाहनों में बैठकर अस्पताल से भाग गये। सूचना पर आरोपियों को रोकने के लिये सूर्या चौकी बॉर्डर पर बैरियर लगाया गया। जहां तैनात एक सिपाही ने कार को रोकने का प्रयास किया। यहां भी आरोपियों ने सिपाही को धक्का दिया और बैरियर तोड़कर फरार हो गये। पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपियों ने अस्पताल से सूर्या चौकी बॉर्डर तक जगह-जगह अपनी दबंगई दिखाई। जो सीसीटीवी में कैद हो गई। गुरुवार को एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने कहा आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं। सिपाही के साथ धक्का और बैरियर तोड़ने के मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
ज्येष्ठ उप प्रमुख के घर भी दबंगई दिखाते हुए घुसी थी यूपी पुलिस
50 हजार के इनामी बदमाश जफर की तलाश में ज्येष्ठ उप प्रमुख के घर घुसी यूपी की एसओजी टीम ने यहां भी दबंगई दिखाई और हाथ में पिस्टल लिये बिना वर्दी के प्राइवेट वाहनों में पहुंचे। टीम जबरन ज्येष्ठ उप प्रमुख के घर में घुस गई।
आरोपियों की तलाश में टीम मुरादाबाद भेजी गई है। नीलेश आनंद भरणे

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कुमाऊं डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि घायल यूपी के सिपाहियों को काशीपुर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां से वह भाग गये। आरोपियों की तलाश में टीम मुरादाबाद भेजी गई है।

अब जानिए,अब यूपी पुलिस की अपनी कहानी !
कुंडा की घटना क़ो लेकर यूपी पुलिस का अपना कहना कुछ और हे।मीडिया से बातचीत में मुरादाबाद डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि चूंकि आरोपी जफर हमारे यहां से वांटेड था था। उसने पहले मुरादाबाद जिले की सीमा में हमारी पुलिस टीम पर फायर किया था। जिसके बाद वह भाग कर उस ओर चला गया था। जैसे ही हमारी टीम वहां पर पहुंची है तो वहां कॉल करके बताया गया।
स्थानीय एसओ की टीम को बताया गया। उनके द्वारा वापस कॉल भी आया था। उसके बाद जब घटना स्थल पर पहुंचे है तब भी वहां के एसओ की टीम को सूचित किया गया है। उसी सूचना पर वहां की पुलिस टीम घटना स्थल पर पहुंची थी। 20-25 मिनट के अंदर तीन बार वहां की पुलिस से हमारी टीम की बात हुई है। चूंकि आकस्मिक घटनाक्रम हुआ था इसलिए दूरभाष के माध्यम से ही सूचना कराई गई। वह सिपाही भी घायल है, जिसके मोबाइल से बात हुई थी।
सीडीआर में भी यह निकल कर सामने आया है। साथ ही साथ यह भी बताना चाहता हूं कि जहां पर पुलिस टीम पहुंची थी उनका भी अपराधिक इतिहास है। जो गुरताज है उसके खिलाफ भी पूर्व में मुकदमे हैं, उसके भाई सुखविंदर पर 9 मुकदमे हैं। गुरताज के एक चाचा जगरात के ऊपर 11 और दूसरे चाचा सतनाम के ऊपर 23 मुकदमें हैं। हमारी जानकारी में उन सभी पर संगीन मुकदमे आए हैं। हमारी पुलिस ने यह स्पष्ट कर लिया है कि ये सभी वहां घटना पर मौजूद थे। जल्द ही इन सभी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।

जैसे ही हमारी टीम वहां पर पहुंची है तो उत्तराखंड पुलिस को कॉल करके बताया गया। स्थानीय एसओ से बात हुई। बीस मिनट में तीन बार बात हुई, उनका कॉल भी आया था।
, शलभ माथुरका, डीआईजी मुरादाबाद
साभार
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पिस्टल बोलेगी, हत्या का राज खोलेगी: कितने कैलिबर की गोली से हुआ भाजपा नेता की पत्नी का कत्ल? ऐसे सामने आएगा सच
ज्येष्ठ उपप्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरजीत की मौत पुलिस की गोली से हुई है या नहीं, इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली के व्यास से तय होगा। गोली के कैलिबर के आधार पर पुलिस मौके से मिली पिस्टल की बैलेस्टिक जांच कराएगी। इसके बाद क्राइम सीन रीक्रिएट करेगी और गुरजीत के शरीर के पार हुई गोली की तलाश करेगी। अगर गोली मिल गई फिर पुलिस की जांच आसान हो जाएगी। फोरेंसिक जांच के बाद एफएसएल रिपोर्ट इस राज पर से पर्दा हटाएगी कि गुरजीत की मौत पुलिस के पिस्टल से निकली गोली से हुई है अथवा किसी दूसरी बुलेट से। गुरजीत के पति गुरताज ने बताया है कि मौके से मिली पिस्टल से ही उनकी पत्नी की हत्या हुई है। ये पिस्टल यूपी पुलिस की है। उत्तराखंड पुलिस भी यही मानकर चल रही है कि सरकारी पिस्टल से निकली गोली गुरजीत की मौत की वजह बनी है।फोरेंसिक टीम को भी घटनास्थल से 9 एमएम के तीन सरकारी पिस्टल और खोखे मिले हैं। मौके पर किसी और असलहे के खोखे नहीं पाए गए। ऐसे में गुरजीत के परिजनों के आरोप और भी पुख्ता हो जाते हैं।
ऐसे हटेगा पर्दा
वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ ही गोली का बैलेस्टिक व्यास इस राज से पर्दा हटाएगा कि गुरजीत का कातिल कौन है। इस हत्याकांड की विवेचना काशीपुर कोतवाल मनोज रतूड़ी को सौंपी गई है।

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