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अजब मामला:जिस का भरा जा रहा था पंचनामा, वही आकर बोला..साहब! मे तो जिन्दा हूं

उधम सिंह नगर उत्तराखंड (25 नवंबर 2022)

काशीपुर। गुरुवार को एक अजब मामला उस वक़्त सामने आया ज़ब खेत से मिले शव के पंचनामे के बाद शव को परिजनों ने शिनाख्त की और गवाही के आधार पर पुलिस ने पंचनामा भी भर दिया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी कि वह व्यक्ति गांव में ही टहलते मिल गया। इसके बाद वह खुद भी थाने पहुंच गया और अपने जिंदा होने का प्रमाण दिया। पंचनामे के गवाहों ने भी भूलवश शिनाख्त गलत होने की बात कही है।
बुधवार दोपहर 12 बजे टांडा उज्जैन चौकी पुलिस ने अलीगंज रोड पर फसियापुरा में मुस्तकीम के खेत से 50 वर्षीय व्यक्ति का शव पड़ा मिला था। पुलिस ने उसका फोटो पहचान के लिए सोशल मीडिया में प्रसारित किया। कुंडा थाने के ग्राम सरवरखेड़ा निवासी कुछ लोगों ने शव की पहचान गांव के ही आस मोहम्मद के रूप में की।दोपहर करीब दो बजे ही पंचनामा भरा गया था और दो घंटे बाद यानी चार बजे आस मोहम्मद के सकुशल मिलने से उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
आस मोहम्मद की पत्नी कमरुल निशा, बेटा नूर हसन और बेटी आदि ने भी मोर्चरी पहुंचकर शव को आस पुलिस ने आस मोहम्मद के नाम-पते बेटी अमीरुल निशा, मो. यूसुफ,आस मोहम्मद का ही बताया। इस पर पर पंचनामा भर दिया। पंचनामे पर आसिम व मो. तस्लीम ने दस्तखत मो किए।

घर में मातम”का माहौल खुशी में बदल गया।
इसके बाद परिजन मोचरी से घर लौट आए और आस मोहम्मद को गले से लगा लिया। बृहस्पतिवार को आस मोहम्मद परिजनों के साथ कोतवाली पहुंचा। कोतवाल मनोज रतूड़ी ने बताया कि भ्रम के चलते यह स्थिति बनी है। आस मोहम्मद के परिजनों और ग्रामीणों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली। अवसर काम के सिलसिले में है। खेत में मिले शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है। वह कई-कई दिन तक वापस हालांकि उसका पोस्टमार्टम कर दिया गया है।

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ऐसे खुला मामल

बुधवार शाम चार बजे आस मोहम्मद का बेटा नूर मोहम्मद पोस्टमार्टम हाउस आ रहा था। रास्ते मैं उसने अपने एक मित्र को पिता का शव मिलने की बात बताई। यह सुनकर मित्र हैरत में पड़ गया। उसने कहा कि कुछ देर पहले ही उसने आस मोहम्मद को मंडी समिति के पास टहलते हुए देखा है। दोनों मंडी समिति पहुंचे तो वहां आस मोहम्मद मिल गए। नूर मोहम्मद ने इस बारे में अपने परिजनों को बताया।

दो दिन से नहीं लौटा था घर

आस मोहम्मद का परिवार मूलतः गोंडा यूपी का रहने वाला है। पिछले कुछ वर्षों से परिवार ग्राम सरवरखेड़ा में रह रहा है आस मोहम्मद वेटर का काम करता है। वह दो दिनों से घर नहीं लौटा था। नहीं आता था।

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चेहरा और जैकेट भी मिलती-जुलती थी

काशीपुर। आस मोहम्मद की बेटी अमीरुल निशा ने बताया कि मृतक की शक्ल हूबहू उसके पिता से मिल रही थी। उसने जो जैकेट पहनी थी वैसी ही जैकेट उसके पिता के पास भी है। अगर उसके पिता नहीं मिलते तो वह उस शव को अपना कर दफना कर चुके होते। साभार

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