उधम सिंह नगर- उत्तराखंड( 6 मार्च 2023)
अंकुर जैन ब्यूरो चीफ
जसपुर।पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर मक्का की फसल को ग्रीष्मकालीन फसल के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए सर्मथन मूल्य एम०एस०पी० घोषित करने की मांग की ही।
पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंह ने मुख्यमंत्री पुशकर धामी को भेजे पत्र में कहा है कि उत्तराखण्ड मे तराई क्षेत्र की मैगोलिक परिस्थिति के अनुसार ग्रीष्म काल में तीसरी फसल के रूप में मक्के की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके लिए एक कारगर नीती की आवश्यक्ता है । जिस हेतु सरकार को ग्रेन बेस्ड डिसलरियो और स्टार्च के उद्यमियों से वार्ताकर उचित समर्थन मुल्य घोषित किया जाना चाहिए । जिससे किसानो मे ग्रीष्मकालीन मक्का की खेती के प्रति रूझान बढ़ सके। मक्का की खेती मे पानी के कम उपयोग से तराई क्षेत्र के भूमिगत जल सोत्र भी संरक्षित रह पायेगे और भूमि की उर्वरा शक्ति का दोहन भी कम होगा ।
उन्होंने पत्र में सुझाव देते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन धान की फसल में पानी का उपयोग अधिक मात्रा मे होता है ग्रमीयों मे भूमिगत जल का स्तर और गिर जाता है, जिससे तराई क्षेत्र में पीने के पानी का संकट गहरा जाता है। इस समस्या को देखते हुए पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन धान पर रोक लगाकर अन्य फसले (मक्का दलहन) को बढ़ावा दिया जा रहा है । डॉक्टर सिंघल ने उक्त विषय की गम्भीरता को ध्यान मे रखते हुये तीसरी फसल के रूप में मक्का की फसल को प्रोत्साहित करने हेतु समर्थन मूल्य घेषित करने की मांग की हे।

इस्लाम हुसैन
संपादक – कुमाऊँ मिडडे
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